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जमीन पर बैठकर जय जवान, जय किसान का नारा लगाते हुए फूट-फूटकर रोने लगीं अलका लांबा, बोलीं- पूरा देश रो रहा है

राहुल गांधी से ईडी की पूछताछ और अग्निपथ योजना के विरोध में कांग्रेस के प्रदर्शन के बीच अलका लांबा सड़क पर बैठकर नारेबाजी करने लगीं। अलका लांबा को महिला पुलिसकर्मियों ने जबरन उठाने की कोशिश की तो वह उलझती नजर आईं। उन्होंने रोते हुए युवाओं का दर्द बयां किया। महिला पुलिस कर्मियों ने उनको उठाने की कोशिश तो वो सड़क पर लेट गईं। उन्होंने कहा कि मैं गांधी के देश में आराम से बैठी हूं। मेरे हाथ में एके 47 नहीं है।

अलका लांबा ने कहा, ”हाथ बंधे हुए हैं, भारत माता की जय, जय जवान, जय किसान, नहीं करने दे रहे हैं, यह कौन से संविधान में लिखा है। कैसी ट्रेनिंग इन्हें दी है, जब अग्निपथ में चार साल की ट्रेनिंग देकर बाहर हथियार लेकर भेजोगे ना तो ऐसी ही गर्दन तोड़ेंगे, या तो मेरी गर्दन टूटेगी या मैं इन्हें (पुलिसकर्मी के हाथ को) पीछे करूंगी तो दिखाया जाएगा कि अलका लांबा ने वर्दी पर हाथ डाला।”

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, ‘हम लोग निहत्थे हैं। हम यहां सड़क पर बैठना चाहते हैं। लोकतांत्रिक अधिकार है। भारत माता की जय, जय जवान, जय किसान। उन्होंने कहा कि मैं अपने लिए नहीं रो रही हूं, देश की जो हालत हो रही है, उसको लेकर देश रो रहा है।

लांबा ने आगे कहा कि मेरी चोटें कल ठीक हो जाएंगी, जो चोटें देश के संविधान और लोकतंत्र को पड़ रहीं हैं उसका क्या? सेना का जवान देश के लिए गोली खा रहा है। इस सरकार को इलाज की जरूरत है। लोकतंत्र में सभी को अपनी आवाज उठाने का अधिकार है। देश के करोड़ों युवा सड़क पर हैं, वो आत्महत्या कर रहे हैं, कोई सुनने वाला है क्या? उनके मां-बाप ने सोचा था कि बेटा सरहद पर जाएगा, मां भारती के लिए शहीद होगा। तिरंगे में लिपटकर आएगा। वो मां रो रही है कि मेरे बेटे ने दम तोड़ दिया।

अलका लांबा ने कहा, ‘मैं रो नहीं रही थी। मुझे दुख है जिस तरह से लोकतंत्र की हत्या हुई है। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी ने तय किया था कि हम लोग सत्याग्रह के तहत मार्च करते हुए जंतर-मंतर तक जाएंगे। पुलिस ने हमें 24 अकबर रोड के बाहर रोक दिया। हम रुक गए। हम जमीन पर बैठकर सत्याग्रह कर रहे थे। जय जवान, जय किसान और भारत माता की जय के नारे गूंज रहे थे। इतनी देर में लाठीचार्ज होता है। महिलाओं को घसीटा और पीटा जाता है। इतनी बुरी तरह पीटा गया कि मैं बता नहीं पा रही हूं। महिलाओं को महिला पुलिस एक हद तक घसीटती थी और जब बसों में डालने की बात आ रही थी तो वहां महिला नहीं पुरुष पुलिस दरवाजे पर खड़ी थी। मैं बता नहीं सकती कि महिलाओं के साथ कैसा व्यवहार किया गया। उसके बाद पुलिस कर्मियों ने कुछ नहीं देखा, बहुत बुरी तरह मारा। मेरा पूरी शरीर नीला पड़ चुका है, इतनी चोट मेरे है। डीसीपी ने मुझसे अस्पताल चलने के लिए कहा, लेकिन मैंने खुद मना कर दिया।’

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कार्यकर्ताओं के साथ सड़क पर बैठ गए और नारेबाजी की। पुलिस ने कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया है और उन्हें बसों में बैठाकर अलग-अलग थानों में भेज दिया है।

बता दे, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी नेशनल हेराल्ड केस से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में चार दिनों की पूछताछ के बाद मंगलवार को फिर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के कार्यालय में पेश हुए और जांच एजेंसी उनसे पूछताछ कर रही है।



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