अपनी नकारात्मक सोच को पहचानें
कुछ लोग किसी भी कार्य को शुरू करने से पहले ही उसके बारे में नकारात्मक सोचना शुरू कर देते हैं। जैसे यह काम मुझसे नहीं होगा। इस कार्य को करने के लिए तो विशेष योग्यता चाहिए जो मेरे अंदर नहीं है। मैं जो कहना चाहता हंू, उसे कोई सुनना ही नहीं चाहता है। इस तरह की सोच किसी को भी आगे बढ़ने या सफल होने से रोकती है। यह सोच आपको अपने लक्ष्यों तक पहुंचने नहीं देती है।
नकारात्मक सोच को पहचान कर उसे त्यागना होता है। इसके अलावा खुद को सकारात्मक विचारों की ओर ले जाना होता है। मान लीजिए किसी दिन आपको लगता है कि किसी कार्य को आप कर नहीं पाएंगे तो खुद से कुछ सवाल पूछिए। जैसे क्या आप में कोई कमी है जो उस कार्य को आप नहीं कर पाएंगे? क्या आपके पास समय की कमी है जो आप उस कार्य को कर नहीं पाएंगे? ऐसे सवालों के जवाब खुद को सकारात्मक रूप से दें।
इससे आपको अपनी नकारात्मकता को सकारात्मकता में बदलने में मदद मिलेगी। इसके अलावा जहां तक हो सके अपने आसपास सकारात्मक वातावरण का निर्माण करें या ऐसे लोगों के संग रहें जो सकारात्मक बातें करते हों। नकारात्मक बातें करने वाले लोगों से हमेशा बचकर रहें। जहां नकारात्मक बातें शुरू हों तो वहां से उठकर चले जाएं।
इससे आपका आसपास का वातावरण धीरे-धीरे सकारात्मक होने लगेगा। इसके अलावा अगर आपके आसपास कोई ऐसी वस्तु हो जो आपके अंदर नकारात्मक भाव पैदा करती है तो तुरंत उसे अपने सामने से हटा दें। उसके स्थान पर कोई ऐसी वस्तु रखें जो आपको प्रेरणा देती हों। इसके साथ ही आपको अपने अंदर की प्रतिभा को पहचानना होगा। अगर आप ऐसा नहीं कर पा रहे हैं तो किसी अन्य की सहायता ले सकते हैं। जब आपको अपनी प्रतिभा के बारे में पता चलेगा तो आपके अंदर की नकारात्मक सोच सकारात्मक सोच में परिवर्तित हो जाएगी। इस तरह आप धीरे-धीरे आगे बढ़ते हुए अपने लक्ष्यों को आसानी से हासिल कर लेंगे।
from | Jansatta https://ift.tt/xFN9gGc
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