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‘कबिरा खड़ा बाजार में’ भीष्म साहनी

उनकी पहली कहानी ‘अबला’ कॉलेज की पत्रिका ‘रावी’ में तथा दूसरी कहानी ‘नीली आंखें’ अमृतराय के संपादकत्व में ‘हंस’ में छपी। ये सिलसिला आगे काफी प्रगाढ़ हुआ। उन्होंने एक तरफ ‘झरोखे’, ‘कड़ियां’, ‘तमस’ और ‘मय्यादास की माड़ी’ सरीखे चर्चित उपन्यास लिखे तो वहीं ‘भाग्यरेखा’, ‘पटरियां’, ‘पहला पाठ’, ‘भटकती राख’, ‘शोभायात्रा’ और ’निशाचर’ जैसी कहानियां भी लिखीं।

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