दुनिया मेरे आगे: दुर्लभ एकांत
वर्जीनिया वुल्फ ने स्त्री के ‘अपने कमरे’ का मुहावरा भले ही लिखने वाली स्त्रियों के लिए दिया था, लेकिन मेरी दृष्टि में यह बाकी स्त्रियों पर भी उतना ही सटीक बैठता है।
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